ये 5 बातें ले जायेंगे आपको आपकी सफलता की ओर

इन बातो को ध्यान में रखकर किसी भी तरह के
लक्ष्यों को पाया जा सकता है. आसानी से कुछ
भी नहीं मिलता. पर कोशिश करने से , द्रणनिश्चय से
जीत मिलती है. और यही विश्वास में आप सभी के
साथ बाँट रहा हूँ. आइये जानते है.
विश्वास #1 : जो भी होता हैं वो किसी reason के
लिए ही होता हैं.
मैं इस बात को पूरे भरोसे से कह सकता हूँ की जितने
भी महान लोग. जितने भी सफल लोग हुए है. उनमे एक
बात समान रही. उन सभी का मानना रहा हैं
की जो कुछ भी होता हैं वो किसी सटीक उद्देश्य
के लिए होता हैं. हर बात में कुछ न कुछ अच्छाई
छुपी ही होती है. चाहे वो हार हो. या जीत.
या फिर जीत से बस एक कदम दूर रह जाना. हम हमारे
पिछले कामो से जितना सिख सकते हैं उतना शायद
किसी और अनुभव से नहीं. क्योकि वो हम पर
बीती होती हैं.
हा मैं मानता हूँ की कई बार
किसी किसी परिस्तिथि में कुछ positive ढूंडना बहुत
ही अधिक कठिन होता हैं. पर फिर भी आप
अपनी परेशानी को देखे समझे. और फिर विचार करें
की क्या इसे इतना समय देना ठीक भी हैं?
आपके साथ जो कुछ भी घटता हैं. उसमे कुछ न कुछ
सिख होती ही है. हम देखते है ऐसे कई लोग हमें दिख
जाते है या हम उनके बारे में paper में पढ़ते है.
जो किसी घटनावश या accident में अपने कुछ
महत्वूर्ण अंग खों दिए. पर फिर भी वे महान कार्य कर
जाते है for example Helen Keller, जो सुन
नहीं सकती थी. बोल नहीं सकती थी और देख
भी नहीं सकती थी. पर फिर भी एक महान लेख़क और
झुजारु महिला के रूप में जानी जाती है.. या फिर
किसी को पढने के लिए संघर्ष करना पड़ा. और मेहनत
कर उसने उस समस्या को खत्म कर दिया. फिर
बच्चो के पढने के लिए NGO खोला.
मान लीजिये आप साइकिल से गिर गए है. तो ये देखे
की आप क्यों गिरे? क्या साइकिल में कोई
गड़बड़ी थी? या आप ठीक से नहीं चला रहे थे ?
या फिर किसी और की गलती से आप गिर गए. आप
निरिक्षण करके इस गलती से दोबारा बच भी सकते है.
और अधिक सावधान भी हो सकते हैं.
विश्वास #2 : failure का कोई अस्तित्व ही नहीं है
फिर से साइकिल का example ले रहा हूँ. आपने जब
साइकिल चलाना सीखी होगी तो गिरे होगे? कई
बार. पर चलाने की practise तो नहीं छोड़ दी न ?
किसी doctor को college के एडमिशन के लिए बहुत
ही tough exams और competition फेस
करना पड़ता है. कई बार पहले प्रयास में
ऐसा नहीं हो पाता. तो वे हार मानकर बैठते नहीं. वे
थोड़ी और मेहनत करते है. बुद्धिमान लोग खुद को
analyse करते है , उनसे क्या और कहा गलती हुई. और
फिर दूसरा प्रयास करते. इसी तरह IAS exams
को भी देखा जाता हैं.
कहना सिर्फ इतना है की कई बार हम लोग fail होगे
ही. अगर आप ऐसी कोई चीज़ करने जा रहे है. जो आप
करना चाहते है. पर आपको उसका अनुभव नहीं तो आप
कम से कम एक बार तो fail होगे ही. पर उस काम
को छोड़ देना. कोई समझदारी नहीं है.
हार का कोई अस्तित्व ही नहीं हैं. अस्तित्व है अनुभव
का. जो हमें मिलता है. हमारी हार से. हमें
समझाती हैं हमारी गलतिया. और गलतियों से हम
बेहतर बनते है. यदि आपसे अभी तक कुछ गलती हुई
ही नहीं. तो congrats. पर फिर शायद आपने कुछ
नया कभी try ही नहीं किया. क्योंकि अगर करते.
तो आप यक़ीनन एक बार तो fail जरुर होते.
विश्वास #3 : अपने कार्यों की ज़िम्मेदारी लें , चाहे
कुछ भी हों
बहुत ही आसन होता है. दूसरों की गलतीयाँ बताना.
दूसरों को blame करना. पर वास्तव में leader
वही होता है
जो अपनी गलतीयों की जिम्मेदारी खुद लें.
हम सभी ने ये सब शब्द सुने ही होगे:

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Published by

Ricky Dwivedi

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